I am deleting my poems ऐसे कैसे तुम्हेंं गवायेंगे। I am deleting my poems ऐसे कैसे तुम्हेंं गवायेंगे।
मुझे बस एक ऐसी मेरी सपनों वाली शहजादी चाहिए। मुझे बस एक ऐसी मेरी सपनों वाली शहजादी चाहिए।
निगाहें बैठी हैं तस्सबुर जिस हूर के दीदार को, वो रूठें तो हमारी दुनियां ही रूठ जाए। निगाहें बैठी हैं तस्सबुर जिस हूर के दीदार को, वो रूठें तो हमारी दुनियां ही र...
शिकायत कोइ तुझसे नहीं, अभी खुद से पूछने है हमे सवाल कई। शिकायत कोइ तुझसे नहीं, अभी खुद से पूछने है हमे सवाल कई।
कोई दरवेश की खामोश दुआओं जैसी उसके लहजे से महकती हुई नरमाई कोई दरवेश की खामोश दुआओं जैसी उसके लहजे से महकती हुई नरमाई
इसी कसमकस में बस पिस रहा था, वो लाल सुर्ख गुलाब....! इसी कसमकस में बस पिस रहा था, वो लाल सुर्ख गुलाब....!